महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित भगवान श्री गणेश जी का ये सिद्धिविनायक मंदिर है बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध मंदिर है | इस मंदिर से लाखो करोडो लोगो की श्रद्धा जुडी हुई है | गणेश चतुर्थी के दिन इस मंदिर में भक्तो की बहुत ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है इस मंदिर के दर्शन करने के लिए जो भी भक्त यहाँ आता है भगवान श्री गणेश उसकी मनोकामनाओं को जरूर पूर्ण करते है |
इस मंदिर को क्यों कहा जाता है सिद्धिविनायक
पुराणों में भगवान श्री गणेश जी के कई रूपों को बताया गया है | उन्ही रूपों में से सिद्धिविनायक रूप गणेश जी का बहुत ज्यादा लोकप्रिय है | गणेश जी के इस मंदिर को सिद्धिविनायक इसलिए कहा जाता है क्यूंकि गणेश जी सूंड दाई और मुड़ी हुई है और इस मंदिर में गणेश जी के सिद्धिविनायक रूप की पूजा की जाती है | जो कोई भी भक्त अपनी मनोकामनाओं को लेकर इस मंदिर में आता है भगवान श्री गणेश उसकी मनोकामनाओं को जरूर पूर्ण करते है |
गणेश जी के सिद्धिविनायक मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य
* मुंबई के सिद्धिविनायक को "नवसाचा गणपति" और "नवसाला पावणारा गणपति" के नाम से भी जाना जाता है | ये दोनों नाम मराठी है इनका मतलब होता है की भगवान श्री गणेश जी से जो भी सच्चे मन से माँगा जाता है भगवान श्री गणेश अपने भक्तो की हर मनोकामना जरूर पूर्ण करते है |
* गणेश जी का ये सिद्धिविनायक मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है इसका निर्माण 19 नवंबर 1801 में किया गया था | शुरुआत में ये मंदिर बहुत छोटा था लेकिन बाद में इस मंदिर का विस्तार कर दिया गया |
* इस मंदिर की मान्यता बहुत ज्यादा है जो भी भक्त नंगे पैर सच्चे मन से इस मंदिर में आता है उसकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती है |
* गणेश जी के इस मंदिर में उनकी दोनों पत्नियां रिद्धि और सिद्धि की भी पूजा की जाती है | इस मंदिर में गणेश जी के साथ उनकी दोनों पत्नियों की भी मूर्तियां है |
* गणेश जी के इस सिद्धिविनायक मंदिर से जुडी छोटी सी कथा भी है | दरअसल एक गरीब महिला ने संतान प्राप्ति के लिए भगवान से मनोकामना मांगी थी और उन्होंने इस मंदिर के लिए कुछ धनराशि दान भी की थी |
* इस मंदिर में चांदी के दो चूहे भी बनाये गए है | इन चूहों के कान में जो भी भक्त अपनी मनोकामनाओं बोलते है उनकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती है |